करगी रोड कोट कोटेश्वर नगरी के नाम से जाना जाता है यहां चारों तरफ पहाड़ चट्टान हरे-भरे जंगल देखने को मिलते हैं पर कुछ दिनों से कोयला का पहाड़ दिखाई देता हुआ हवाएं चलती है पर हवा के साथ काला रंग दिखाई देता है सांस लेने में परेशानी होती है कोटा से लगे आसपास गांव के किसानों के जमीन को कोल माफियाओं द्वारा दलाल लगाकर पैसा का लालच देकर जमीन खरीदना कुछ दिनों से चल रहा है
किसानों का जमीन बंजर होना दो पैसा के लालच दे कर कोटा नगर के वार्ड क्रमांक-14,15 धौराभाटा आमली सलका रेलवे लाइन के आसपास की जमीनों की खरीदी-बिक्री बढ़ने से एक बार फिर से कोलवाशरी खोलने की प्लानिंग की जा रही है..
कोटा से लगे ग्रामीण-इलाको को कोयला का पहाड़ बनाने की तैयारी में है न ही कोई जनसुनवाई न ही कोई ग्राम सभा संबंधित ग्राम से एनओसी न ही पर्यावरण संरक्षण का पालन करना
कोटा शहरी क्षेत्र से बड़े-बड़े 18 चक्का 10 चक्का निकलता है जिसमें स्कूली बच्चों का आना-जाना आम जनों अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है शहर से लगे हुए छोटे-छोटे गांव के लोगों का आना-जाना है दुर्घटना कभी भी हो सकता है
शासन प्रशासन को लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान देखने को मिला रहा है
कृषि भूमि के नाम से किसानों की जमीन धड़ल्ले से खरीद-फरोख्त की जा रही है रजिस्ट्री की जा रही है-?धोखाघड़ी की जा रही है कृषि भूमि के नाम से जमीन खरीद कर उसका कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है शासन प्रशासन को लाखों-करोड़ों का राजस्व की हानि पहुचाई जा रही है
जो किसान खेत बेच दे रहा है उसका तो टिक है और जो किसान इस खेती के दम पर अपना जीवन है अपना परिवार चला रहा है वह कोयला के नाम से ना फसल हो पा रहा है ना ही वह उसका उपयोग कर पा रहा है किसान जाए तो जाए कहां बाहर से बड़े-बड़े पैसा वाले उद्योगपति आकर किसानों का हक को मारा जा रहा है