बढ़ती बेरोगारी से तो पूरा देश परेशान है वही गांव में प्लांट खुलने से गांव के लोगो को नौकरी की चाहत हो जाता है ऐसे ही घटना ग्राम दगौरी और आस पास के गांव का है। आज दगौरी गांव में नोवा प्लांट खुले लगभग 30 साल हो गए लेकिन आज भी वहा के युवा बेरोजगार बहुत परेशान है गांव में नोवा स्टिल आयरन के प्लांट होने के बावजूद रोजगार के लिए जगह जगह ठोकर खा रहे है युवा बेरोजगार। गांव के लोगो ने कई बार प्लांट के घेराव किया है लेकिन कोई जवाब नई आया है, जरूरत नई है करके भगा दिया जाता है वही दूसरी ओर बाहरी लोगों को बुलाकर नौकरी में रखा जाता है और दगौरी तथा आस पास के लोगो को स्थानीय हो करके नौकरी मे नही रखा जाता है । इन सब से परेशान होकर यहां के युवा बेरोजगार लोग कई बार पंचायत का घेराव करके अपनी बेरोजगारी की बात भी रखी है लेकिन वहां भी यह कह के भगा दिया जाता है की यह पंचायत का मामला नहीं है । और तो और यहां के विधायक , छाया विधायक के पास जाकर भी यहां के समस्या का हल नही निकालते उल्टा अगर इस गांव के और पड़ोस गांव के अपने अपने पार्टी नेता लोगो को यहां नोवा प्लांट में ठेकेदारी के मांग करते है तो उनको ठेकेदारी दिलवा देते है लेकिन बेरोजगारों की चिंता आज तक इन दोनो पार्टी के नेता लोग नही किए। इन दोनो पार्टी के स्वार्थी नेता जो ठेकेदार बनके आज तक गांव के लिए जो मूलभूत आवश्यकता और जो सुविधा मिलना चाहिए उसको भी कभी दिलाने की कोशिश ही नहीं किए और न ही कभी यहां के बेरोजगारों की सुध ली । इन सब से परेशान होकर दगौरी गांव और आस पास गांव के युवा बेरोजगारों और उनके परिजनों ने यह निर्णय लिया है की इस बार के विधानसभा, लोकसभा और ग्रामीण चुनावों में इन दोनो पार्टी के लोगो को बहुत बड़ा सबक सिखाएंगे ।