अगर आप दुनियाँ की परवाह करोगे तो आप से अच्छे काम नहीं हो पाएंगे यदि आपको अच्छे काम करने हैं तो फिर आपको दुनिया की परवाह तो छोड़नी होगी -पूज्या शीघ्रता त्रिपाठी जी
कोटा – श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस की कथा का भक्त भावविभोर होकर रसपान कर रहे है l
व्यास पीठ से पूज्या शीघ्रता जी नें बताया ये दुनियाँ भी बड़ी अजीब है, सच को देखकर भी स्वीकार नहीं करती है और झूठ से सुनकर ही सहमत हो जाती है। यहाँ पर जब किसी के द्वारा कोई अच्छा काम किया जाता है, तो ये दुनियाँ वाले कहते हैं कि विश्वास ही नहीं होता कि उसने ये काम कैसे कर लिया ?
लेकिन अगर किसी पर गलत काम करने का आरोप लगाया जाता है तो यही लोग कहते हैं, हमें पूरा विश्वास है उसने ऐसा किया ही होगा। इस दुनियाँ की समस्या मात्र यह नहीं है, कि यह अच्छा काम नहीं करती अपितु यह भी है कि यह अच्छे को स्वीकार करने का साहस भी नहीं रखती।
इसलिए अगर आप दुनियाँ की परवाह करोगे तो आप से अच्छे काम नहीं हो पाएंगे मगर यदि आपको अच्छे काम करने ही हैं तो फिर आपको दुनिया की परवाह तो छोड़नी ही पड़ेगी।
दीन दुखियों की सेवा करो और सभी से प्रेम, ताकि आपको परमात्मा को ढूँढने कहीं दूर न जाना पड़े। यह अनमोल वचन हमें बहुत कुछ सन्देश दे जाते हैं बशर्ते हम समझने का प्रयास करें। हमारे जीवन की विचित्रिता तो देखिये ! हम तीर्थ स्नान के लिए कोसों दूर जाते हैं और पड़ोस का कोई दुखियारा केवल इस कारण मर गया कि उसे एक घूँट जल की न मिल सकी।
हम बड़े-बड़े भंडारे लगाने मीलों दूर जाते हैं और मुहल्लों के कई किशोर- किशोरियाँ पढने- लिखने की उम्र में सिर्फ इसलिए अमानवीय व्यवहार सहकर भी रात- दिन मजदूरी करते हैं ताकि उनके परिवार को कम से कम एक वक्त तो भर पेट भोजन मिल सके।
काश ! अब भी इस समाज में कोई एकनाथ और नामदेव जैसे चैतन्य पुरुष प्रकट होते, जिन्हें पशु में ही पशुपति नाथ और कुत्ते में ही कुल देव के दर्शन हो जाएँ।
मेनरोड में गुडिया होटल के पास वेंकट अग्रवाल के निवास स्थल पर सार्वजनिक श्रीमद् भागवत कथा का भक्त उत्साह पूर्वक श्रवण कर रहे है l